परिश्रम के चोर, भोग, विलासी, शराबी, कब्ज के रोगी अक्सर बवासीर के शिकार हो जाते हैं l बार बार जुलाब लेना, रबर के फोम या नरम गद्दी पर बैठना, शौच के समय कांखना, जोर लगाना आदि कारण से बवासीर होता है l बादी बवासीर में मटर जैसे मस्से मलद्वार पर हो जाते हैं, शिराएं फूल जाती हैं l यह मस्से मलद्वार के अंदर भी या बाहर भी हो सकते हैं l जब मस्से फट जाते हैं तो उनसे खून निकलने लगता है l
● खूनी या बादी बवासीर की अचूक दवा - (सल्फर 1M की 1 खुराक 15 दिन में 1 बार बाकी दिन नक्स वोमिका 30, दिन में 3 बार)
● जब काले रंग का खून निकले और दर्द बिल्कुल न हो; मलद्वार में तपकन महसूस हो - (हेमामैलिस Q या 30, दिन में 3 बार)
● खूनी बवासीर की रामबाण दवा - (डोलिकोस Q, 5-5 बूंद दिन में 3 बार)
● चमकीले लाल रंग का खून निकले - (मिलिफोलियम Q, 5-5 बूंद दिन में 3 बार)
● हर बार पाखाना होने के बाद खून की पिचकारी छूटे - (फ़ॉसफोरस 30, दिन में 3 बार)
● जब गुदा में तिनके फंसे होने का एहसास और दर्द हो, कब्ज हो - (कौलिन्सोनिया 30, दिन में 3 बार)
● मस्सों में बहुत जलन हो, गर्म पानी से धोने से आराम मिले l बहुत बेचैनी हो - (आर्सेनिक 200, दिन में 2-3 खुराक दें)
● जब मस्सों को ठंडे पानी से धोने से आराम मिले - (एपिस मेल 30, दिन में 3 बार)
● जब बवासीर के मस्सों में खड़े रहने या बैठे रहने पर दर्द हो मगर चलने - फिरने से आराम मिले - (इग्नेशिया 30, दिन में 3 बार)
● जब मस्सों में खून बहना रुकने के बाद अत्यधिक दर्द हो - (एसिड नाइट्रिक 1M, हफ्ते में 1 खुराक 3-4 हफ़्तों तक)
please contact Dubai
ReplyDeleteDubai kahan se milegi
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